औलाद तो शांतनु शुक्‍ला जैसी हो। या फिर न हो

: लखनऊ में दो ही औलादें नामचीन रहीं। एक नसीरूद्दीन, दूसरा शांतनु शुक्‍ला : हैदर नहर को नाला बना डाला लखनवी नवाबों ने : कुछ लोग अपने बच्‍चों को भविष्‍य मानते हैं, जबकि कुछ लोग उन्‍हें उल्‍लू का पट्ठा : कुमार सौवीर लखनऊ : अवध की राजधानी रहे लखनऊ की ख्‍याति भले ही हमेशा उसके […]

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वकीलों की गुलाटी: आये थे कपि बनने, बंदर बन गये

: कचेहरी में होने वाली हरकतें मानव से उलटे बंदर बनने की अवस्‍था : बार एसोसियेशंस में होने वाली हरकतें साबित करती हैं कि इंसान बनने में चूक हो गयी : कुमार सौवीर लखनऊ : बंदर से इंसान तक का बौद्धिक परिवर्तन यूं ही अनायास नहीं हुआ था। बल्कि श्रम-बल ही उसका इकलौता माध्‍यम था, […]

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