बलिया में दो-कौड़ी का डीएम: कर दिया “शूट द मैसेंजर”

: अफसरों की लापरवाही या षडयंत्र का खुलासा कर अपना दायित्‍व निभाया पत्रकार ने : डीएम, पुलिस और एसटीएफ ने पत्रकार को ही जेल में क्‍यों ठूंसा : एक दिन पहले ही छाप दिया था 12वीं के बोर्ड परीक्षा का प्रश्‍नपत्र : अपनी पूंछ फंसती देख अफसरों और पुलिस ने पत्रकार पर ही निशाना साध […]

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विकास दुबे की मुखबिरी की, पुलिस ने नाम-पता बेपर्दा कर डाला

: मदद के नाम पर बदमाशों की गोलियां खाने का शौक है, तो शौक से कीजिए पुलिस की मुखिबिरी : जनता से मदद के लिए पुलिस गिड़गिड़ाती रहती है : कुमार सौवीर एवं सुनील यादव लखनऊ : सवाल यह है कि कोई किसी बदमाश की मौजूदगी की खबर पुलिस को क्‍यों दे। वजह यह पुलिस […]

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बड़ा दारोगा जी ! सूजी है ?

: चाहे मथुरा कांड हो या फिर काशी की अभूतपूर्व डकैती, वजह है मुखबिरों की उदासीनता : जरा उन आधारों को टटोलने की जहमत फरमाइये, जहां दर्द का सोता निकलता है : हम नहीं कहते कि पुलिसवाले बहुत ईमानदार होते हैं, लेकिन उनकी पीड़ा भी तो देखिये, आप दहल जाएंगे : बड़ा दारोगा-एक : कुमार […]

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सूचना का जमीनी पुर्जा है मुखबिर, लेकिन उसका भुगतान कौन करेगा

: किसी पर एनएसए तामील करना हो तो उसका खर्चा कम से कम तीन हजार रूपया, लेकिन मिलता एक धेला तक नहीं : हर खबर तत्‍काल चाहता है हर अफसर, लेकिन मोबाइल का खर्चा सिपाही-दारोगा के माथे पर : थाना के सारे खर्चे एसओ के खाते में, लेकिन अब क्‍या डकैती डाल दे पुलिसवाला : […]

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