मौत पर झूठ: कासगंज में पांच सस्‍पेंड, जौनपुर नंग-धड़ंग

: पूरी अफसरशाही ही पानी में कूद पड़ी, बिलकुल भैंस : सरकारी कामकाज में हरामखोरी का अंजाम देखना हो तो जौनपुर आइये : अस्‍पताल ले जाने के बजाय लावारिस नवजात को किसी निजी अस्‍पताल ले जाने की सलाह दी फार्मासिस्‍ट ने : नकली नोटों की कहानी क्‍या कुछ छिपाने के लिए बुनी गयी : फार्मासिस्‍ट […]

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बारिश में पकौडि़यां, द्रौपदी तुम बर्तन ठीक से मांजा करो

: विमर्श यह कि नहाने-धोने में कौन वाली क्रिया पहले और क्‍यों : कृष्‍ण की बांसुरी के सातों स्‍वर-द्वार बनाम दुर्वासा का मुख्‍य-द्वार : कोरोना के बहाने मोदी-योगी ने पूरे देश को पुलिस से सरेआम पिटवाया : आधी सड़क चांपे लोगों को पकड़ कर सैकड़ों जूते मारिये, हरामखोरों ने सड़क बर्बाद कर डाली : कुमार […]

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का हो सरमा जी ! तुम कौन वाले शर्मा हौ ?

: डिप्टी बनवाने के लिए बेताल तक उतर आया पेड़ से, पर डाल से कुर्ता फंस गया : केशव मौर्या ने बांसुरी के सातों छेद न जाने कहाँ फंसाया भाजपा में : भूमिहारों का मूल चरित्र क्‍या है, रणवीर सिंह वाले ब्रह्मेश्‍वर सिंह या गाजीपुर वाले मनोज सिन्‍हा : कुमार सौवीर लखनऊ : कई सवाल तो […]

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स्मृति-शेष नहीं, आज सम्पूर्ण बन गए शेषनारायण सिंह

: रोजाना चार हजार लाशें निकल रही हैं, लेकिन गली, मोहल्लों और गांवों में मातम के बजाय अंधभक्तों की हुंकारें : करुण-क्रंदन और हताशा-अवसाद का माहौल रोकने के बजाय भगवान का भजन-कीर्तन में जुटे अंधभक्त : संघी की राजनीति देश-हित नहीं, बल्कि सर्वनाश कर देने करने वाली करतूत :  कुमार सौवीर लखनऊ : करीब दो […]

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एक लोटा एक प्राण या एक लोटा अनेक प्राण

: सामूहिक शव-दाह में कोई भी व्यक्ति अपनों की राख लेकर नहीं लौटता : अनेक इंसानी-प्राणों को राख में तब्दील कर बनाया “एकल-लोटा” : अदूरदर्शिता, मूर्खतापूर्ण ज़िद और काहिलियत पर अंध-भक्त अपनी भक्ति में ही लीन रहे : कुमार सौवीर लखनऊ : एक प्राण जब एकसाथ कई लोटों में भरा जाने लगे, तो समझ लीजिए […]

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अर्णब जानता था कि जीजा हैं कोतवाल, फिर डर काहे का

: न पीएमओ के छिछोरेपन पर अचरज आ रहा है, और न ही महाराष्‍ट्र की सरकार अथवा पुलिस की सक्रिय पर : अर्णब समझ चुका था कि जीजा हैं कोतवाल, फिर डर काहे का : अर्णब-कांड- एक कुमार सौवीर लखनऊ : बालाकोट एयर-स्‍ट्राइक की पूर्व-सूचना थी अर्णब गोस्‍वामी के पास, तो इसमें आश्‍चर्य की क्‍या […]

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श्‍मशान गाजियाबाद: लाशों पर पांसे फेंके दो-कौड़ी के अखबारों ने

: जैसी घटिया छवि, उसी तरह दैनिक जागरण की साख और उस विश्‍वसनीयता : डेली न्‍यूज एक्टिविस्‍ट और तरुणमित्र ने साख बनायी : लाख करोड़ के जुर्माना वाला सहारा हमेशा की तरह बेहूदा : साफ लगा कि कोई भी रिपोर्टर मौके पर पहुंचा ही नहीं : कुमार सौवीर लखनऊ : राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र के गाजियाबाद […]

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कपल चैलेंज: मूर्खता, साजिश, मस्ती, या नशा?

: किसी मसले तक पहुंचने की कोशिश करते ही अचानक एक नया शिगूफा सामने लेट जाता है : फिर नया शिगूफा, दर शिगूफा : अब आ गया है यह नया शिगूफा कपल चैलेंज : कुमार सौवीर लखनऊ : किसी आंधी, तूफान या बवंडर के कचरे की तरह अचानक हमारे आसपास पसर पड़ा है यह कपल-चैलेंज। […]

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भाजपा की नींद हराम करता है राहुल गांधी उर्फ पप्पू

: पप्पू का नैरेटिव बहुत सोच-समझ कर ही गढ़ा है भाजपा ने : सिर्फ कांग्रेस से ही थरथराती है भाजपा : कटुआ-उन्मूलन को ही सर्वोच्च मिशन मानते हैं हिन्दू-पताका अलंबरदार : देवेंद्र आर्य गोरखपुर : दो-तीन बातें एकदम स्पष्ट हैं। भाजपा यदि किसी से डरती है तो वह केवल और केवल कांग्रेस है, भले वह […]

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संविदाकर्मियों से 50-50 हजार मांग रहे थे जौनपुर के सीएमएस

: महिला अस्‍पताल के अधीक्षक थे रामसेवक सरोज, सुल्‍तानपुर में उनकी बेईमानी पर ग्रंथ है : अस्‍पताल को जातीय युद्ध और भ्रष्‍टाचार की एक डरावना युद्धक्षेत्र में तब्‍दील किया डॉ सरोज ने : संविदा-चार दोलत्‍ती संवाददाता लखनऊ : (गतांक से आगे) जिला महिला चिकित्सालय के अधीक्षक के पद पर 2017 में सुल्तानपुर से स्थानांतरित होकर […]

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सरकारी डॉक्‍टरों को घूस चाहिए, औरत चाहिए और सम्‍मान भी

: जांच का बहाना, पांसा ठीक तो रकम और स्‍त्री-देह भी उपलब्‍ध : तनाव में हैं 181, एड्स कंट्रोल अभियान व नर्सिंग : मिर्जापुर, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, जौनपुर और बस्‍ती वगैरह में ऐसे हादसे आम : संविदा-दो कुमार सौवीर लखनऊ : ( गतांक से आगे) योगी-सरकार में और चाहे कुछ हुआ न हो, लेकिन सरकारी […]

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सच नहीं, झूठ के सामने घुटने टेके योगी-सरकार ने

: बलिया में पत्रकार हत्याकांड में विपक्ष ने आग लगायी, योगी-सरकार बचाव में : रतन की हत्या अवैध धंधों में हुई, पत्रकारीय दायित्वों से नहीं : पत्रकारों और संगठनों ने सिर्फ अपना धंधा चमकाया, छवि धूमिल हुई योगी की : कुमार सौवीर : बलिया : बिहार से सटे बागी बलिया में एक व्यक्ति की हत्या […]

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न जाने कहां छिपे-दुबके रहे “श्वान-श्रृगाल”

: न आजतक का अकेला आया, और न पशुवत पशुपतिनाथ : वार्तालाप आमंत्रण हेतु कई संदिग्ध फोन आये : मैंने अपनी जगह आमंत्रित किया, उनके यहां नहीं : कुमार सौवीर लखनऊ : पिछले तीन दिनों से बलिया में हूँ। बंसी-बांसुरी बजाते इधर-उधर भ्रमण कर रहा हूं। लेकिन पत्रकारिता की एक भी “विष-कन्या” मेरे सामने नहीं […]

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बडे एक्सपर्ट हैं अयोध्या के डीएम। उपलब्धियां झटकने में

: वाह वाह बहद्दर डीएम जी, आह आह बहद्दर डीएम जी : केंद्रीय जल सचिव को गुमराह कर पूर्व डीएम का मेडल अपने सीने पर टांक लिया : हजारों गवाह थे तमसा नदी के पुनर्रुद्धार अभियान में : कुमार सौवीर अयोध्या : जियो बहद्दर डीएम जी, जियो खप्पर डीएम जी। वाह वाह बहद्दर डीएम जी, […]

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बलिया: पत्रकारिता नहीं, “अवैध धंधों” में हुआ था कत्ल

: अरबों के खादयान घोटाले का छिपा मोहरा : बक्सर रूट पर दबदबा, सेटिंग में माहिर : लॉक:डाउन में भी रतन का धंधा बदस्तूर जारी था : रतन-हत्याकांड में सिर्फ सम्पत्ति का झंझट ही नहीं था : कुमार सौवीर बलिया : बागी बलिया के पानी में संखिया यानी आर्सेनिक अर्थात गुरुजल की मात्रा यूपी और […]

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