मैं भी चाहूंगा ठीक ऐसी ही प्रशांत मौत

: सवाल-जवाब का सिलसिला हमेशा-हमेशा के लिए समाप्त : न कोई रिश्ता, न कोई नाता। न कोई लेना, और न कोई देना : कुमार सौवीर लखनऊ : आज शाम चार बजे के आसपास का वक्त रहा होगा। मेरी मुंहबोली आंटी-मां ने अपनी बहू को आवाज दी। बोलीं:- बेटा ! एक चम्मच गंगाजल दे दो। बहू […]

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