स्‍तब्‍ध करने वाली पदचाप व भंगिमा थमी, बिरजू जी नहीं रहे

: सबसे पहले मैंने साक्षात देखा था बिरजू महाराज जी का कथक नर्तन : गंगा महोत्‍सव का आयोजन था नदी पर बने विशाल मंच पर : कथक के लखनऊ घराने के मठाधीश थे महराज : दिल्‍ली में तड़के हुआ जर्बदस्‍त हार्ट अटैक, और फिर सब खत्‍म : कुमार सौवीर लखनऊ : यह सन-89 की बात […]

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बारिश में पकौडि़यां, द्रौपदी तुम बर्तन ठीक से मांजा करो

: विमर्श यह कि नहाने-धोने में कौन वाली क्रिया पहले और क्‍यों : कृष्‍ण की बांसुरी के सातों स्‍वर-द्वार बनाम दुर्वासा का मुख्‍य-द्वार : कोरोना के बहाने मोदी-योगी ने पूरे देश को पुलिस से सरेआम पिटवाया : आधी सड़क चांपे लोगों को पकड़ कर सैकड़ों जूते मारिये, हरामखोरों ने सड़क बर्बाद कर डाली : कुमार […]

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बहेलिया के तीर की प्रतीक्षा में हूं। आज मेरा बर्थडे है

: जिस कृष्‍ण को आप गरियाता हैं, वही आपको दु:शासनों से बचाता है : आज का कृष्‍ण बांसुरी नहीं, माउथ-आर्गन बजाता है : चोली-दामन नहीं, जांघिया-पेटीकोट सम्‍भालने की कोशिश कीजिए : कुमार सौवीर लखनऊ : केक, मालपुआ, मिठाई और दीगर सुस्‍वादु भोज्‍य पदार्थ तो दूर की बात है, मेरे जन्म को लेकर न जाने कितने […]

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चुगुलखोर ही सही, लेकिन सृष्टि का पहला पत्रकार था नारद ?

: नारद। लेकिन वह भी चुगुलखोर टाइप ही था। जबकि संजय तो क्रीत-दास था : हमेशा नारायण-नारायण का उद्घोष करता था। यानी उसकी निष्ठा संस्थान के मालिक से स्पष्टत: थी : कुमार सौवीर लखनऊ : एक सवाल आया कि सृष्टि का पहला पत्रकार कौन था ? महाभारत में अंधे राजा धृतराष्‍ट्र को रणभूमि का जीवन्‍त […]

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