ओए कमलगट्टों ! कमल कहाँ है रे भूतनी के ?
: लवणासुर जैसे वृत्रासुर के अराजक-अत्याचार से जूझने के लिए दधीचि ने अपनी हड्डियां दीं : अपर्णा बिष्ट को बजबजाते तालाब में उतार तो दिया, पर कमल दिया, न टिकट : बढ़ई की इस मेहनत में देखिये कि कहां हैं प्रतीक, और कहां है शक्तिमान : कुमार सौवीर लखनऊ : बस यूं ही आज इस […]
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