सुब्रत राय: हमने सहारा प्रेस घेर लिया, बिजली-पानी काट दिया

: सौ जूतों से रूतबा गालिब नहीं होता, यह वो खजाना है जो कभी खत्म नहीं होता : तय हुआ कि अब बातचीत नहीं, हम केवल हां ही सुनेंगे : सुबोध नाथ गिड़गिड़ाये कि हमारे लोगों को रिहा कर दीजिए : कुमार सौवीर लखनऊ : सिर्फ इतना ही याद है कि मजदूरों और पीएसी वालों […]

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सुब्रत राय: और फिर जमीन पर गिरे जयब्रत राय पर मेरा आक्रोश उतरा

: मजदूरों की हुंकार के सामने जयब्रत राय कांप उठा, थरथरा कर दोनों हाथ जोड़ लिये : तब मैं 16 रूपये का मिलिट्री का रिजेक्टेड जूता पहनता था : पहली बार अहसास हुआ कि सस्तेी जूते का असर भी कमाल का होता है : कुमार सौवीर लखनऊ : बहरहाल, सामने ही खड़े थे ओपी श्रीवास्तव। […]

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