का हो शशि शेखर ! खबरों की बड़की बुआ हो क्‍या ?

: तुम अखबार हो, या धर्म पर निर्धारण करने वाले फतवा-कारी मुल्‍ला-मौलवी : धर्म पर निजी आग्रहों के खिलाफ कुत्सित जेहाद तो हिन्‍दुस्‍तान अखबार कर रहा है : जो इस्‍लाम छोड़ कर हिन्‍दू बना, उसे वसीम और रिजवी क्‍यों लिखा : यह जितेंद्र त्‍यागी का फैसला है कि उनका धर्म कौन हो : पायजामा से […]

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परखो योगी व मुनव्‍वर राना की धर्मनिरपेक्षता की औकात

: फ्रांस और उस पर कट्टरवादियों से परे से भी कई सवाल : केवल सच यही नहीं होता है, जो अब तक दिखता रहा, सच उससे परे भी होता है : त्रिभुवन और निहालुद्दीन उस्‍मानी का नजरिया भी देखो : दोलत्‍ती संवाददाता लखनऊ : ऐसा नहीं है कि ऐसे नजरिया केवल एंकागी या फिर सर्वमान्‍य […]

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नफरत और थूकने की जरूरत क्‍या है दीबा जी ?

: थूकने या बोलने से बाज आना चाहिए मुसलमानों को : क्‍या फर्क कि आपका मकसद क्या था, आपके शब्‍द ही आपके समुदाय पर कालिख पोतेंगे : कुमार सौवीर लखनऊ : एक का कहना है कि एक समुदाय खाने-पीने के चीजों पर थूक लगा रहा है, जबकि दूसरा अपनी साफ-सुधरे होने का प्रमाण देने की […]

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मरकज में 14 सौ इस्लामी जेहादी! अंजाम क्या होता

: कोरोना-बम की साजिश होती तो मुल्क तबाह होता : न तो हिन्दू बचता न मुसलमान : इतनी भीड जुटी रही, तो पुलिस कहां थी : कहां से जुटे निजामुद़दीन के मरकज में इतनी तादात में मुसलमान : कुमार सौवीर लखनऊ : दिल्ली को राजधानी यूं ही नहीं कहा-माना जाता है। दिल्ली का मायने होता […]

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मौलाना हसरत के कान्‍हा: कृष्ण-दरख्‍त के साये में पनपा रूहानी इश्‍क

: स्‍वतंत्रता सेनानी मौलाना हसरत मोहानी ने कृष्‍ण को अपना जीवन-ध्‍येय बना डाला : प्रेम, अध्यात्म और हसरत यह तीनों ही शब्‍द एक-दूसरे से बिंध गये : जेल में बांसुरी ले जाने पर अड़ गए और ले कर ही अन्दर गए : यूनुस मोहानी लखनऊ : श्री कृष्ण हिन्दू धर्म में आराध्य हैं लेकिन सूफियों […]

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अतिथियों को भोजन जूठे बर्तनों को चाट-चाट कर। यह सुन्‍नत नहीं, घृणास्‍पद है

: महाराष्‍ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत में फैले एक मुस्लिम समुदाय की परम्‍परा : गुरैनी मदरसा ने इसे गैर-शरीयत करतूत बतायी : डॉक्‍टरों के हिसाब से तो यह खतरनाक कृत्‍य : कुमार सौवीर लखनऊ : हिन्‍दुस्‍तान में मेहमान को भगवान का दर्जा दिया जाता है। अतिथि देवो भवः तो भारत का आदर्श वाक्य है। हमारे […]

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बिन बकरा के बकरीद: खलीलाबाद के कई गांवों में सन्‍नाटा

: करीब 10 बरस से चल रहा है मेंहदावल के कुछ गांवों में बकरा पकड़ अभियान : लोध बहुल गांवों ने सख्‍त सामाजिक रोक लगा दी है कि बकरीद मनाओ, मगर कुर्बानी नहीं : आसपास के कई गांवों में सरेआम होने वाली गोकशी से गुस्‍सा भड़का : दोलत्‍ती संवाददाता खलीलाबाद : दुनिया भर के मुसलमानों […]

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औरंगजेब कुलबोरना था, अखिलेश कुलकलंक धोवक

: मुलायम, शिवपाल की खुशकिस्‍मती है कि अखिलेश का चरित्र औरंगजेब सा तनिक भी नहीं : शाहजहां को औरंगजेब ने जेल में सड़ा डाला था, जबकि मुलायम के पैर छूता है अखिलेश यादव : एक धार्मिक क्रूर-लम्‍पट औरंगजेब की तुलना अखिलेश से करना बेमानी होगी : सिद्धार्थ राय शंकर इलाहाबाद : औरंगजेब भाषण नही देता […]

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जाकिर नाइक बनाम योगेश प्रवीण: कहां बिहारीलाल थे, और कहां मुरारीलाल

: कहां कहां के बाल हैं, कहां कहां के बाल : जमीन-आसमान का फर्क है जाकिर नाइक और योगेश प्रवीण में : एक नफरत बो रहा है तो एक इंसानियत के पौधे रोपने में जुटा है : एक ने सैकड़ों किताबें पढ़ी हैं, दूसरे ने सैकड़ों किताबें लिख डालीं : कुमार सौवीर लखनऊ : मेरे […]

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जाकिर नाइक बनाम योगेश प्रवीण: कहां बिहारीलाल थे, और कहां मुरारीलाल

: कहां कहां के बाल हैं, कहां कहां के बाल : जमीन-आसमान का फर्क है जाकिर नाइक और योगेश प्रवीण में : एक नफरत बो रहा है तो एक इंसानियत के पौधे रोपने में जुटा है : एक ने सैकड़ों किताबें पढ़ी हैं, दूसरे ने सैकड़ों किताबें लिख डालीं : कुमार सौवीर लखनऊ : मेरे […]

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नहीं साहब। यह फोटो नहीं, अफवाहों का पिटारा है

: कोई भी कट्टर धार्मिक व्‍यक्ति इबादत के दौरान जूते नहीं पहनता : सवाल यह है कि अगर यह फोटो सच ही है, तो फिर नमाजियों ने अपने चेहरे पर रूमाल क्‍यों बांध रखा : बेहतर है कि हम ऐसी साजिशों को खारिज करें और उनका पर्दाफाश करें: कुमार सौवीर लखनऊ : अपनी बात कहने […]

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ढाका हादसा पर मुझे रोने दो मेरे दोस्‍त, अब इस्‍लाम की नीतियां मत समझाओ

: हो सकता है कि इस्‍लाम दुनिया का सर्वश्रेष्‍ठ धर्म हो, लेकिन आज मुझे नहीं लगता : हम से अलग दीखने के चक्‍कर में तुमने अपना हुलिया क्‍या बना डाला, तुम्‍हें कुछ पता भी है : शान्ति-दूत कहलाने वाले लोगों के हाथ में शैतानी छुरे-बंदूकें कैसे आयीं, मुझे बताओ : तुमसे तो बेहतर अमरीका और […]

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तजाकिस्तान में 13 हजार मुसलमानों की दाढ़ी कटवा दी

तजाकिस्तान में 13 हजार मुसलमानों की दाढ़ी कटवा दी गई है। यही नहीं सरकार ने मुस्लिम परिधान बेचने वाली 160 दुकानों को भी बंद करा दिया। तजाकिस्तान मुस्लिम बहुल देश है और कभी रूस का हिस्सा था। इससे पहले देश की सुप्रीम कोर्ट ने वहां की एक मात्र इस्लामिक पार्टी को भी बैन कर दिया। […]

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मोदी को कोसिये मत, शाहबानो को मजबूत बनाइये

गुजरात पर मर्सिया के बजाय कश्मीर के हालात पर बोलिये मदन तिवारी मोदी का नाम आते ही कट्टरपंथी मुसलमान गालियां बकना शुरु कर देते है, जबकि गुजरात से हजार गुणा ज्यादा बुरा कश्मीर में हुआ। वहां तो तीन लाख लोगों को घर छोडने के लिये मजबूर कर दिया गया। अब उनका वहां जाकर बसना नामुमकिन […]

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बेटी के नाम पर मशहूर हो गये मौलाना अबू हनीफा

महिला सशक्तिकरण की अनोखी मिसाल गढ़ दी मौलाना ने

बच्‍चे ने कहा: आप फिसले तो पूरी इंसानियत गंदी हो जाएगी

खलीफा के आदेश के बावजूद नहीं किया हुक्‍मनामे पर दस्‍तखत

: शाहन के शाह : यह तो सामान्‍य सी बात थी, हर किसी के मुंह से निकलती ही रहती है। मकसद भी भला ही होता है, लेकिन ऐसी ही भलाई में मिला सबक किसी को महान भी बना सकता है। इतिहास की तवारीख में सोने के अक्षरों में ताजा नजीर के तौर पर दर्ज हैं अबू हनीफा। तो पहले एक नजर उस घटना पर। अबू हनीफा ने एक दिन एक मासूम से बच्‍चे को कीचड़ पर से निकलते देखा। उस बच्‍चे पर अचानक ही उनका स्‍वाभाविक प्रेम उमड़ पड़ा और बोल उठे:- जरा सम्‍भल कर बेटा। देखना कि कहीं पैर फिसलने से तुम कीचड़ में न गिर जाओ। बच्‍चा अपने उसी अंदाज में फौरन ही बोल पड़ा:- मैं गिरूंगा तो अकेले ही कीचड़ में जाऊंगा। सम्‍भलकर चलने की जरूरत तो आप जैसे विद्वानों को है, जो अगर फिसले तो पूरी इंसानियत ही कीचड़ में जा गिरेगी।

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