तुम्हें गली में मंदिर-मस्जिद चाहिए, अस्पताल नहीं। तो जाओ, मरो
: हर गांव में आधा दर्जन से ज्यादा मंदिर, मस्जिद, दरगाह मिलेगा :अस्पतालों के दर्शन दुर्लभ, मिला भी तो बंगाली डॉक्टर या खतना स्पेशलिस्ट जर्राह : कुमार सौवीर लखनऊ : अब तो मान लीजिए कि हम-सब मूलतः बेशर्म हैं। चाहे वे अल्लाह-हो-अकबर हों, या फिर जै-श्रीराम। और जो बेशर्म नहीं हैं, वे या तो कायर-डरपोक […]
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