बेशर्म अखबारों पर करारी दोलत्‍ती, अर्जी प्रेस-कौंसिल में

: कल बताया कि बच्‍चा मर गया, आज लिखा कि इलाज जारी है : लतखोर हैं यह अखबारवाले, इनका बायकाट करना जरूरी : अपनी गलती पर खेद-प्रकाश करने के बजाय हिन्‍दुस्‍तान और जागरण से संशोधित खबर छापी, अमर उजाला तो वह भी नहीं : अखबारों ने शालीनता की सारी सीमाएं ही ध्‍वस्‍त कीं : न […]

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सरकार में तेल लगाने को खूंटे पर बैठ गया संपादक

: फर्जी छाप मारा कि 52 हजार मेडिकल-कर्मियों की भर्ती होगी, यूपी कैबिनेट का फैसला 10 हजार : लिंग-वर्द्धक यंत्र वाले हिंदुस्‍तान का ताजा कारनामा : सारे अखबारों ने जो आंकड़े दिये, उससे पांच गुना ज्‍यादा उचका दिया बिड़ला के अखबार ने : दोलत्‍ती ने सवाल उठाया तो कूंकूं करने लगे संपादक : कुमार सौवीर […]

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बाढ़-निरीक्षण मंत्री में, और मूली घुसेड़ो संपादक की गॉंव में

: करीना कपूर के यहां मूली उखाड़ना सबसे बड़ा पत्रकारीय-दायित्‍व समझते हैं हिन्‍दुस्‍तान के महान वैशाख-नंदन : नरक कर रखा है बिड़ला जी के हिन्‍दुस्‍तान अखबार ने : बाढ़ निरीक्षण करा देते हैं मंत्री जी के भीतर, तो स्‍थगित कर देते हैं अंबेदकर की मूर्ति : वैशाख-नंदनों यानी गदहों की ही ढेंचू-ढेंचू का समवेत गायन […]

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ओए संपादक ! अरे यह कौये क्‍या होता है रे ?

: नासा से संज्ञा को क्रिया में तब्‍दील करने की शिक्षा लेकर आये हैं बिड़ला वाले हिन्‍दुस्‍तान के लपड़झंडू पत्रकार लोग : कबाड़ी का धंधा छोड़ कर हिन्‍दुस्‍तान में घुसे इन लोगों को कौआ और कौये का फर्क तक नहीं : बेशर्मी के साथ पाठकों के सामने परोस डाला बिजली पर कौये की करतूत : […]

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खबर कौन खोजे ? कचरा छापता है शशिशेखर का हिन्‍दुस्‍तान

: बड़े पत्रकार की बीवी वाली बीमा एजेंसी में व्‍यस्‍तता इतनी, कि खबर कहां खोजें : जौनपुर के संवादसूत्र के भाई-भौजाई पर ही फोटो-समेत खर्रा ठेल दिया हिन्‍दुस्‍तान अखबार ने : खबर लिखने के लिए खबर खोजने, उसके लिए औकात जुटाने और लिखने की भसोट भी हो तो जरूरी होती है : दोलत्‍ती संवाददाता जौनपुर […]

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महान संपादकों ने निहाल किया, तो ओछे और छिछोरे भी मिले

: विनोद शुक्‍ला, घनश्‍याम पंकज, शशि शेखर और विश्‍वेश्‍वर कुमार जैसे घटिया संपादक भी मिले : मृणाल पांडेय, डॉ त्रिखा, मंगलेश डबराल, वीरेन डंगवाल, तडि़त कुमार, आनंद स्‍वरूप वर्मा, कमर वहीद नकवी, शेखर त्रिपाठी, अंशुमान त्रिपाठी और संतोष तिवारी ने मुझे नयी ऊंचाइयां दीं : कुमार सौवीर लखनऊ : कई दिग्‍गज और महान पत्रकारों से […]

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का हो शशि शेखर ! खबरों की बड़की बुआ हो क्‍या ?

: तुम अखबार हो, या धर्म पर निर्धारण करने वाले फतवा-कारी मुल्‍ला-मौलवी : धर्म पर निजी आग्रहों के खिलाफ कुत्सित जेहाद तो हिन्‍दुस्‍तान अखबार कर रहा है : जो इस्‍लाम छोड़ कर हिन्‍दू बना, उसे वसीम और रिजवी क्‍यों लिखा : यह जितेंद्र त्‍यागी का फैसला है कि उनका धर्म कौन हो : पायजामा से […]

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हिन्‍दुस्‍तान निकला भीगा बंदर, जागरण दुम दबा कर भागा

: लोहिया अस्‍पताल में मंत्री के मुआयने में तथ्‍य नहीं, डीलका धंधा : सच खुला, तो बकलोल निकले अखबार : अमर उजाला को सिर्फ लिंग-वर्द्धक यंत्र बेचने का सलीका : जागरण ने फर्जी खबर छाप दी, अगले दिन मामला हवा-हवाई : हिन्‍दुस्‍तान तो सिवाय बकवास के एक शब्‍द तक नहीं लिखता, समूह संपादक ही नकटा […]

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बेईमानी में जज की पेंशन कटी, बेशर्मी में हिन्‍दुस्‍तान अखबार की नाक

: दो-कौड़ी का कचरा पहले पन्‍ने में बॉटम-लीड बना कर छापा हिन्‍दुस्‍तान ने : जो खबर 7 मई को सारे अखबारों ने छाप दी थी, हिन्‍दुस्‍तान ने आज 8 मई को उसका ढोल बजाया : पता ही नहीं चल पाता कि कौन है बड़ा नाक-कटा, हिन्‍दुस्‍तान या अमर उजाला : बेशर्मी से अपनी फोटो छाप […]

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जातीय उन्‍माद नहीं, निष्‍ठा पर जिंदा है पत्रकारिता: कमर वहीद नकवी

: आनंद स्‍वरूप वर्मा के अनुसार हिन्‍दी पत्रकारिता ब्राह्मणों नहीं, योद्धाओं के बल पर जिन्‍दा : अयोध्‍या ही नहीं, फैजाबाद के कमरे में एक-एक गुम्‍बद पर तीन-तीन पत्रकार चढ़े थे : संपादक से महाप्रबंधक तक का सफर राघवेंद्र चढ्ढा ने : एक राष्‍ट्रीय अंग्रेजी के कट्टर हिंदूवादी ब्‍यूरो चीफ अपने दामाद के भाई को एक […]

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मृणाल पाण्‍डेय न होतीं तो ढह जाती पत्रकारिता

: दायित्‍व-पत्रकारिता की इमारत में लसोढा हैं मृणाल पाण्‍डेय : ललई यादव ने पूरी गुंडई के साथ दो पत्रकारों का कैमरा पैरों से तोड़ा : निजी नहीं, पत्रकारिता के कुनबे को जोड़ने की अद्भुत शैली बनायी तडि़त कुमार और आनंदस्‍वरूप वर्मा ने : कुमार सौवीर लखनऊ : पत्रकारिता में अगर मैंने सबसे बेमिसाल अट्टालिका की […]

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होशियार ! फर्जी खबर छापते हैं हिन्‍दी के अखबार

: हिन्‍दुस्‍तान ने तो फर्जी ऑपरेशन की फर्जी खबर ही छाप डाली : हिन्‍दुस्‍तान, अमर उजाला, या जागरण। विश्‍वसनीयता जूतों की नोंक पर : संपादन नहीं, खौ-खौ करता है अमर उजाला का सम्‍पादक तो : कुमार सौवीर लखनऊ : लखनऊ की पत्रकारिता में पत्रकार नहीं, बल्कि दलाल और ठेकेदारों का ही बोलबाला है। चाहे वह […]

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बिना ऑपरेशन 80 हजार का बिल, बिड़ला हिंदुस्‍तान खामोश

: बिड़ला जी स्‍वर्ग से झांक रहे हैं बिकाऊ खबरों के नर्क को : सच लिखने में फटता है जिगरा हिन्‍दुस्‍तान वाले शशि शेखर की टीम का : दलालों का अड्डा है बिड़ला का अखबार : कुमार सौवीर लखनऊ : गजब हालत है कि अब तो बड़े-बड़े बैनर वाले अखबारों की भी साफ और सपाट […]

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पुलिस-वार्ता ही चरणामृत, लखनऊ के पत्रकारों की बुद्धि चर चुकी

: बड़े अखबारों के दो बड़े पत्रकार को लखनऊ की तमीज तक नहीं : क्‍वीनमेरी अस्‍पताल में बच्‍चा चोरी को डीपीसी ने विस्‍मयादि चिह्न लगा दिया : झोंपड़पट्टी को रिवर बैंक कालोनी लिख मारा : संजोग वाल्‍टर लखनऊ : सय्यद नबीउल्लाह बैरिस्टर हुआ करते थे। लखनऊ म्युनिस्पल बोर्ड के पहले हिंदुस्तानी चेयर मेन 1916 से […]

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तीन तिलंगे: जिन्‍दादिल और हरफनमौला थे शेखर

: नई दुनिया, भोपाल में स्‍थानीय सम्‍पादक सुदेश गौड़ बुरी तरह हिल गये शेखर त्रिपाठी की मौत से : तीस बरस पहले की फोटो दिखा कर सुदेश गौड़ ने मुझे फफक कर रूला दिया : सुदेश गौड़ भोपाल : यह तीन तिलंगे। लखनऊ जागरण दफ्तर का यह फोटो 1987 यानी आज से 30 साल पहले […]

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