आपका नहीं, हताश का जीवन व्यर्थ हो जाएगा। उसे बचाइए

: एक सचेत प्रयास भी एक जीवन को जीवंत, या फिर उसकी ढिबरी बुता सकता है: आत्महत्या पर आमादा व्यक्ति को मैंने अपने पास बुला लिया: परिवार तंतुओं का उल्लंघन तो अवसाद का बड़ा कारण : कुमार सौवीर लखनऊ : फेसबुक ने स्वार्थी, मूर्ख, समझदार और भावुक के साथ ही ऐसे लोगों के साथ भी […]

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हाईकोर्ट में उंगली, महिला वकील का कंटाप। हड़कंप

: लखनऊ हाईकोर्ट की एक इजलास में हुआ हादसा : बार एसोसियेशन बौखलायी, गैर-सदस्‍य से माफी मंगवायी : मेंशन की आपाधापी में कोई अंगुलि-कर्म कैसे कर पायेगा, मामला अबूझ : युवक वकील हतप्रभ, महिला वकील बोली कि यह अंगुली का मामला : बेअंदाज होती जा रही है वकीलों की गुंडागर्दी, अराजकता जज के सामने तक […]

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पत्रकारिता दिवस: दैनिक भास्‍कर वालों को पटक के जूतों से पीटो

: अपने समूह संपादक की आत्‍महत्‍या को हार्ट अटैक लिख कर झूठा प्रचार किया भास्‍कर ने : क्षमा याचना के बजाय हिन्‍दी पत्रकारिता दिवस को इसी दैनिक भास्‍कर नेशर्मनाक तरीके से विश्‍वसनीयता और नैतिकता का डंका पीटा : हाईकोर्ट भी ने भास्‍कर को आड़े हाथों लिया : कुमार सौवीर लखनऊ : 12 जुलाई-17 की रात […]

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अपर महाधिवक्‍ता बर्खास्‍त: साहब ने चुहिया मारी, अध्‍यक्ष मारें ठहाका

: रामराज से लेकर हाईकोर्ट और सचिवालय तक धोबी का बड़ा महात्‍म्‍य है : चपरासियों के झंझट में अवध बार एसोसियेशन बहुत बिजी: हाईकोर्ट में पार्टी, दारूबाजी के बीच हुई जोरदार मारपीट की वीडियो : ज्‍योति सिक्‍का कोई जिम्‍मेदार अपर महाधिवक्‍ता नहीं, लेकिन चर्चाएं तो कुछ जजों के रवैयों पर भी तो है : कुमार […]

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भागदौड़ और रुशिदा-फतवा में खोजिए इंसान की फरहीन

: रुशिदा फरहीन नाम की एक वकील भी हैं लखनऊ हाईकोर्ट में, मददगार भी उम्‍दा : पहली मुलाकात में ही ठहाकों का इस्‍तेमाल करना कोई हंसी-ठिठोली नहीं होता। चुटीली और चुलबुली, व्‍यवहार में मेधा भी निहाल : त्‍सांगपो से लोहित, ब्रह्मपुत्र जैसी महिलाएं भी मौजूद : कुमार सौवीर लखनऊ : चाहे कोई नदी हो या […]

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हमसे ही बेगारी और मजूरी भी ? : भाड़ में जाए तुम्‍हारा लेफ्टिज्‍म

: लेफ्टिज्‍म से राइटिज्‍म तक उछले आईबी सिंह की उछालें दुश्‍मनों की छाती फाड़ देती हैं : देवरिया में बसा है युद्ध-मजदूर बघेलों का इलाका, अब लखनऊ में एकाकी जीवन : ठाकुरपन और सफलता ने एटीट्यूड को परमानेंट बनाया, अब क्‍या खाक मुसलमां होंगे : लाखैरों ने पैसा भी वसूला और टाइम भी : कुमार […]

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व्‍यक्तित्‍व में शीर्षता से बनता है एलपी मिश्रा

: लसोढ़ा का प्रयोग निजी नहीं, बल्कि अपनों के प्रति उपयोग-समर्पण से होता है सार्थक : मजाल कि किसी जूनियर का दमड़ी तक रमेश पाण्‍डेय पर आज भी बकाया हो : राम जेठमलानी के जिन्‍दा प्रतिमूर्ति और लसोढ़ा-पन की अद्भुत मिसाल हैं डॉक्‍टर मिश्रा : एक ऐसा पर्वत हैं डॉ एलपी मिश्रा, जिसको छू तक […]

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तुम्‍हें न वकालत आती है, न मुंशीगिरी। जजी क्‍या करोगे: बोले वीरेंद्र भाटिया

: वकालत की दुनिया में अद्भुत शख्सियत थे वीरेंद्र भाटिया, लेकिन आखिरी वक्‍त में सब साथ छोड़ गये : दूसरों को जोड़ने और उनकी जरूरतों के चक्‍कर अपने ही लसोढ़ापन का शिकार बन गये वीरेंद्र भाटिया : बड़ा जिगर था रमेश पांडेय का। वे अपनी जरूरतों को भी बौना बना सकते थे : रमेश की […]

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हाईकोर्ट के जज हो ! कभी दमड़ी भी खर्च की, कि आज ही करोगे ?

: संकट में बेहाल युवक की रंगत से ही पहचान जाते थे शचींद्र : राघवेंद्र सिंह जब गुस्‍सा आता, तो वे अपने साथी के सारे कपड़े धोकर सुखा डालते : जौनपुर के पिलकिछा के रहने वाले शचींद्र नाथ उपाध्‍याय ने इलाहाबाद में पूरा जीवन एकाकी बिताया : कुछ की हरकतें, जरूरतें, लापरवाहियां, तो भूल-चूक से […]

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मैं आशिक़ गधा। आई मिस यू, माई लव गदही।

: चल, कुछेक पप्पी मेरे गाल पर छाप दे मेरे गधे आशिक़ : अगले जन्म में तेरी टोटल समर्पित गदही बनूंगी। प्रॉमिस : महान बुद्ध की राह पर है गधा, सम्मान जरूरी : हुस्न की खुशकिस्मती है कि उसका आशिक कुत्ता नहीं, गधा है : हुस्न अपने पेट में 14 इंजेक्शन लगवाती, मेरी भौंक से […]

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चीफ जस्टिस मी लॉर्ड ! आपने किया यह इन-जस्टिस ?

: स्‍वेच्‍छाचारिता नहीं, विशेषाधिकार का अर्थ है प्रक्रिया को सुगम बनाना : तौबा तौबा। पंगा, वह भी वकील से : गायत्री की खासियत या कमी है उसमें रीढ़ का न होना : अन्‍यायपालिका- दो : कुमार सौवीर लखनऊ : मी लॉर्ड ! दो कौड़ी का मामला था यह जमानत का, जिसे सेशन जज की अदालत […]

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साजिश सा है गायत्री प्रजापति की जमानत पर खबरों का लहजा

: एक वक्‍त हुआ करता था जब गायत्री के जेल-गमन पर राष्‍ट्रीय चर्चाएं होती थीं : अब चैनल खामोशी अख्तियार किये हैं, असली वकील के नाम तक से परहेज : दिग्‍गज वकील टापते ही रहे, जीत गयी चीफ जस्टिस की बेटी : कुमार सौवीर लखनऊ : याद कीजिए वह दौर, जब अखिलेश यादव सरकार में […]

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बेटी ! दो ही रास्‍ते हैं। जूझो, या बिक जाओ

: कुमार सौवीर ने लिखी महिला वकील नेहा मिश्रा को चिट्ठी : नेहा ने एक बड़े सरकारी वकील पर लगाया बलात्‍कार का आरोप : चर्चाएं यह कि झगड़ा मकान को लेकर : कुमार सौवीर लखनऊ : प्रिय नेहा मिश्रा। तुमने एफआईआर दर्ज करायी है लखनऊ हाईकोर्ट के एक एडीशनल सीएससी शैलेंद्र सिंह चौहान पर। तुम्‍हारा […]

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कोरोना ने वकीलों को अनुशासन सिखाया: परिहार

: लखनऊ हाईकोर्ट अवध बार एसोसियेशन के अध्‍यक्ष हर गोविंद परिहार से बातचीत : अदालतों का रुख स्‍तुत्‍य रहा कोरोना-काल में, सक्रियता बेमिसाल : सरकार के मुकाबले बार संवेदनशील : कुमार सौवीर लखनऊ : कोरोना ने जन-समुदाय को भले ही बुरी तरह हिला दिया हो, लेकिन इस पूरे कोरोना-काल के दौरान देश की अदालतों का […]

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ऑर्डर-ऑर्डर। जजों-वकीलों की नहीं, चच्‍चा-मामू की अदालत

: जज के सामने अधिकांश वकील ऑब्‍लाइज्‍ड के बजाय कुछ और बुदबुदाते हैं : वकीलों ! तुम बयाने बहुत लम्‍बे लेते हो, कंछल चच्‍चा राइट-टाइम हो गये : मामा से प्रमोट चच्‍चा ने थामी बार की लगाम : कुमार सौवीर लखनऊ : जॉली एलएलबी। हम क्‍या, पूरी फिल्‍म इंडस्‍ट्री भी जानती है कि लखनऊ के […]

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