गांधी जयन्ती: जरा गौर से टटोलिये कि कहीं हम लोग ही अपने बुजुर्गों के गोडसे तो नहीं बनते जा रहे ?
: नेहरू जी अपने बाथरूम में दो घंटे तक पड़े रहे, दम निकल गया : ताशकंद में मौत के वक्त शास्त्री के साथ कोई भी नहीं था, वे भी दर्दनाक मौत मरे : बेहद अकेले होते जा रहे हैं हमारे समाज के वरिष्ठ नागरिक : अकेलेपन ने एकल-न्यूक्लियर के बुजुर्गों की छीछालेदर कर डाली : […]
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