कानून-ची दुनिया: किसी में चुल्‍ल है, किसी का दायित्‍व, तो किसी का धर्म

: जिन्‍दगी को आम आदमी से जोड़ने में बेमिसाल हैं हाईकोर्ट के तीन वकील : कानून-चीं धंधे से अलग भी एक अनोखा जीवन जीने के लिए जरूरी है लसोढ़ा : व्‍यवसाय के साथ लेखन से डंका बजा रहे हैं वकालत-सेनानी : बातचीत रविशंकर पांडेय, चंद्रभूषण पांडेय और आईबी सिंह पर : कुमार सौवीर लखनऊ : […]

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किसानों ने नोंचा मोदी का पखौरा, जैसे मैंने 35 बरस पहले काटा था

: जैसे सिंधु-बार्डर पर किसान सर्दी से निपटने को दारू पी रहे : सात सौ लाशें बिखेरने पर न कोई दुख, न क्षोभ, न आत्मग्लानि, न क्षमा याचना : थोडा बुखार होगा, लेकिन जीत युगों तक फहरायेगी : बाद में राकेश चंद्राकर और अनिल शुक्‍ला ने मुझे बड़ा धोखा दिया : देवेंद्र आर्य बता रहे […]

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मनोज सिन्‍हा का हुआ जुगाड़। पर गाजीपुर का क्‍या होगा ?

: बीएचयू छात्रसंघ के अध्यक्ष से होकर जम्‍मू-कश्‍मीर के राज्‍यपाल तक का सफरनामा : भाजपा के लिए पिछड़ों और खास कर यादवों को साधने की चुनौती : विनय सिंह गाजीपुर : मनोज_सिन्हा के कश्‍मीर का उप राज्यपाल बनाए जाने की बधाई गाज़ीपुर। समर्थकों में खुशी के साथ थोड़ी मायूसी भी। गाज़ीपुर लोकसभा से तीन बार […]

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हिंदुस्तान अखबार: डेढ़ महीने में मांझा ढील

: वाराणसी संस्करण से जुड़े पांच ब्यूरो कार्यालय बंद, मकान मालिकों को नोटिस दी गई : 14 मई के बाद सारे दफ्तर खाली कर दिये जाएंगे : दोलत्‍ती संवाददाता वाराणसी : भरी जवानी, मांझा ढील। यह कहावत काफी जोश-खरोश के साथ कही और सुनी जाती है पूर्वांचल में। लेकिन हिंदुस्तान दैनिक अखबार में यह लोकोक्ति […]

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