पत्रकारों से भिड़ेे साइबर अपराधी, जाली एकाउंट बना

: पत्रकारों को न्याय दिलाने वालों के पीछे पड़े साइबर क्रिमिनल : बरेली में उपजा के प्रांतीय उपाध्यक्ष संजीव गंभीर की बनी फर्जी फेसबुक आईडी : दोलत्‍ती संवाददाता बरेली : पत्रकारों के आंदोलन में अब साइबर अपराधियों की घुसपैठ शुरू हो गयी है। पत्रकारों को न्‍याय दिलाने के लिए जूझ रहे उपजा पदाधिकारी के बनाये […]

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बड़ा दारोगा, बड़ा रंगीला, लार बहुत टपकाता है

: अपनी करनी का अहसास नहीं, अभियोजन विभाग थामे लटके हैं :  रंगीले आईपीएस अफसरों में सूर्य कुमार शुक्‍ला का नाम बहुत करीने से लिया जाता है : पाकीजा फिल्‍म में मीना कुमारी ने जिस सिपहिया की करतूतों का तस्‍करा किया था, वह शायद यही सज्‍जन होंगे : कुमार सौवीर लखनऊ : नाम है सूर्यकुमार […]

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अरे भूल गये ? सुपर्ब-हॉट नहीं, मैं तुम्‍हारी अम्‍मा हूं

: निजी व्‍यवहार को सार्वजनिक बनाने पर आमादा हैं सोशल-साइट्स के नये नमूने : एक महिला ने अपनी महिला मित्र के साथ खिंची फोटो लगायी तो शेखचिल्लियों ने बेहूदगी शुरू कर दी :  बहुत दूर तक ललुआती रही वह महिला उस शख्‍स को अपनी एफबी वाल पर : कुमार सौवीर लखनऊ : महिला की फेसबुक […]

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जगदीश्वर चतुर्वेदी ने फेसबुक छोड़ दिया, यह तो गजब हुआ

: कलकत्ता विश्ववविद्यालय में हिन्दी के प्रोफेसर है चतुर्वेदी : जुझारू प्रवृत्ति से सने व्यक्तित्व‍ पर पलायन सा चौर्य-कर्म शोभा नहीं होता : अपने ब्लॉग पर वीरता की गाथा लिखी, लेकिन एफबी का त्याग भी : कुमार सौवीर लखनऊ : “ऐसे किया श्रीमती इंदिरा गांधी के खिलाफ प्रतिवाद” कलकत्‍ता विश्‍वविद्यालय में हिन्‍दी के व्‍याख्‍याता प्रोफेसर […]

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फेसबुक किसी भी इंसान को बच्चा बना डालता है, जिद्दी बच्चा

: दूसरों को छोडि़ये, मुझे खुद बेइंतिहा पसंद है महिलाओं से खूब बतियाना : ज्‍यादा अवसर होने के चलते हम में आवेग ज्यादा उमड़ते हैं फेसबुक से : हमारे ही आवेग, उद्रेग और संवेदनाओं का फास्ट‍फूड है फेसबुक : कमाल है फेसबुक पर संवेदनाओं-भावनाओं का व्यवसाय। श्रंखला– चार : कुमार सौवीर लखनऊ : फेसबुक पर […]

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देर रात युवती मुझसे बोली:-“आई लव यू।“ अगले दिन भूल गयी

: एफबी में मुझे ऐसी महिलाएं मिलीं कि मैं धन्य हो गया, सबका ऋणी हूं : हर रिश्तों की मजबूत इबारतों को दर्ज कर देती हैं फेसबुक की दीवारें : कहीं स्नेह, कहीं दुलार, कहीं इश्क, तो कहीं शिकवों का भी सैलाब यहीं है : कमाल है फेसबुक पर संवेदनाओं-भावनाओं का व्यवसाय। श्रंखला– तीन : […]

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अहम ब्रह्मचारी, वयम ब्रह्मचारी… नहीं तो फिर ब्रह्मचारी

: पैंतालि‍स साल पार लोगों पर ज्यादा चढ़ा रहता है इश्क का भूत : अधिकांश फेसबुक-लोग तो सुंदर फोटो पर कंटिया लगाये रहते हैं : जुनून, धंधा और साजिश बन चुका है खूबसूरत तस्वीरें दिखा कर मुर्गे फंसाना : फेसबुक पर संवेदनाओं-भावनाओं के “प्रेम-व्यवसाय” पर श्रंखला– एक : कुमार सौवीर लखनऊ : आप इस चक्कर […]

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टूटता है आत्म-रति का आवेग, गालियां देते हैं आभासी दुनिया को

: तस्वीरों पर जान देने की बीमारी अधिकांश अधेड़ पुरूषों में जानलेवा : वर्चुअल मोहब्बत बनाम रियल दुख, हाय मोर अल्ला : सवाल तो यह है कि हम रियल-वर्चुअल पर एकांगी चर्चा क्यों करें? : फेसबुक पर संवेदनाओं-भावनाओं के “प्रेम-व्यवसाय” पर श्रंखला– एक : कुमार सौवीर लखनऊ : जीवन्त दुनिया या आभासी दुनिया के बीच […]

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रामनवमी के दिन बस पिटते-पिटते बचे कुमार सौवीर

: रामनामियों ने अलग-अलग दूकान खोल रखी हैं रामनाम के नाम पर : वे समझायें कि राम ही सत्य है तो श्रेष्ठा, मैं बोलूं तो अपराध हुआ : कुमार सौवीर लखनऊ : बाप रे बाप। इतनी तेज रफ्तार से मैं कभी नहीं दौड़ा, जैसा आज भागा हूं। बुरी तरह हांफ रहा हूं। सांसें लगातार टूटती […]

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