मुझे तो खूब ठोंकते रहे हैं पत्रकार: अंबिका सोनी
टंच-माल का मतलब सुनार समझते होंगे, जनता नहीं : वेश्या, रांड और भेल का मतलब इनके इलाकों में बताइये : आखिर कब सुनारी पर पीएचडी कर चुके हैं बड़बोले बकवादी दिग्गी राजा : दरअसल नेताओं ने ही जनता को अपना टंच-माल समझ लिया है : कुमार सौवीर ( दूसरी और अंतिम किश्त ) तो आइये […]
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