गंभीर, चिंतित और प्रखर वक्ता भी करवा-चौथ पर पैर छुआने में गदगद

: स्‍त्री बनी हवन-सामग्री और पुरुष अपनी मर्दानगी मूंछें मरोडने में जुटा : करवा-चौथ तो बीत गया, अब उसके अर्थ और मर्म को समझिये : चलता रहा है, तो कोई बात नहीं। लेकिन अब तो उसे तर्क पर तौलिये : कुमार सौवीर लखनऊ : स्त्री के सशक्तिकरण व उसके व्यक्तिगतता के साथ उसके स्वतंत्र अस्तित्व […]

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मथुरा छूट गया, पर गोपियों की तरह छटपटाता है यह “पंडा”

: याद आता है मंदिर, बंदर, घाट, गलियां, बेबाक भाषा, गालियां और बिंदास औरतें : जगदीश्‍वर चतुर्वेदी बेहाल है कोरोना के सन्नाटे के बीच मथुरा की खोज में : जगदीश्‍वर चतुर्वेदी कोलकाता : इन दिनों कोरोना के कारण मथुरा ध्वस्त पड़ा है। मंदिर, बाजार, प्रोहित सभी तबाह पड़े हैं।इस मथुरा की कल्पना कभी नहीं की […]

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