गंभीर, चिंतित और प्रखर वक्ता भी करवा-चौथ पर पैर छुआने में गदगद
: स्त्री बनी हवन-सामग्री और पुरुष अपनी मर्दानगी मूंछें मरोडने में जुटा : करवा-चौथ तो बीत गया, अब उसके अर्थ और मर्म को समझिये : चलता रहा है, तो कोई बात नहीं। लेकिन अब तो उसे तर्क पर तौलिये : कुमार सौवीर लखनऊ : स्त्री के सशक्तिकरण व उसके व्यक्तिगतता के साथ उसके स्वतंत्र अस्तित्व […]
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