सुबह-ए-बनारस? बाबा जी का घण्‍टा

: सुबह-ए-बनारस से नहीं, काशी की पहचान सर्वविद्या की राजधानी, विश्‍वनाथ मंदिर, संकरी गलियों व घाटों से विख्‍यात है : गाइड की बकलोली में देशी-विदेशी चूतिया जजमान जेब खोलते हैं : नंगा अवधूत- दो: कुमार सौवीर बनारस : (नंगा अवधूत-एक से आगे) विदेशी पर्यटकों का प्रिय स्‍थल है वाराणसी। हालांकि उनमें से ज्‍यादातर तो सारनाथ […]

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कसम खा ली है कि अब शहर नहीं जाऊंगा

: पूरा परिवार लेकर रिक्शा पर बंगाल लौट गया गोविंद मंडल : गांव में घर पर रहकर जैसे तैसे गुज़ारा कर लूंगा, पर शहर कभी नहीं आऊंगा : विक्रम सिंह चौहान आत्मनिर्भर भारत! ये गोविंद मंडल हैं, बंगाल के रहने वाले. दिल्ली में मैकेनिक का काम करते थे. लॉकडाउन के पहले इनके मालिक ने इन्हें […]

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माया मिली, न राम। इश्‍क में बंगाल की महिला की नोएडा में कत्‍ल

: सौंदर्य-विशेषज्ञ युवती ने हाल ही छोडा़ था बंगाल, पूरा परिवार त्या‍ग किया : फिलहाल नोएड़ा में लिव इन रिलेशन में रह रही थी ममता : रात में हुआ था प्रेमी विजेंद्र से काफी देर तक झगड़ा, सुबह लाश मिली : नोएडा : पुलिस के अनुसार मूल रूप से मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल निवासी ममता (32) […]

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फांसी पर लटकी मिली देश की पहली सैन्य-महिला

जलपाईगुड़ी पर अभी अपहृत हुई थी शांति तिग्गा जलपाईगुड़ी : पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के एक अस्पताल के केबिन में क्षेत्रीय सेना की पहली महिला जवान शांति तिग्गा को आज फांसी पर लटका हुआ पाया गया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शांति को कुछ दिन पहले ही यहां भर्ती कराया गया था। वह […]

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ये न राधा थीं, ना मीरा, पर कृष्‍ण इनके परमात्‍मा थे

बंगाल की अभागन विधवा ने खोजा कृष्‍ण के घर आसराब्रज की कुंज गलियों व गांवों में गूंजता है सिद्धा का जयकाराकर्म और भक्ति का समवेत भाव खोजा सिद्धा ने यह ना तो द्रोपदी थी और ना ही राधा। हां, तुलना मीरा से जरूर की जा सकती है। इसका ताल्‍लुक ना तो ब्रज से रहा और […]

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बंगाल की विधवा ने शिव की काशी को सधवा बना दिया

और रानी भवानी ने शिव को आत्‍मसात कर लिया
हुक्‍म रानी भवानी का: कहीं कोई भूखा ना रहे
शैव और शाक्‍तों का झगडा तो सिरे से ही मिटा दिया
बंगाल से काशी तक अन्‍नपूर्णा बन गयीं रानी भवानी

सन 1776 का दौर भारत के लिए बेहद त्रासद रहा। बंगाल से लेकर उत्‍तर भारत तक के एक बडे इलाके में दुर्भिक्षु अचानक एक महामारी की तरह आ गया। पहले तो राजनीतिक अराजकता और अन्‍याय से जूझ रही जनता को यह अकाल बेहद भारी पडा। बडे पैमाने पर लोग भूख से मरने लगे। कि अचानक ही दिल्‍ली और बंगाल की बडी सत्‍ता की चुप्‍पी के खिलाफ एक महिला ने बिगुल बजाया और अपने खजाने का दरवाजा खोल दिया। हुक्‍म दिया कि राज्‍य में कोई भी मौत अब भूख से नहीं होनी चाहिए। और इसके बाद से ही भारतीय इतिहास की इस महिला को जन-सामान्‍य ने साक्षात अन्‍नपूर्णा का ओहदा दे दिया।

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