कानून-ची दुनिया: किसी में चुल्‍ल है, किसी का दायित्‍व, तो किसी का धर्म

: जिन्‍दगी को आम आदमी से जोड़ने में बेमिसाल हैं हाईकोर्ट के तीन वकील : कानून-चीं धंधे से अलग भी एक अनोखा जीवन जीने के लिए जरूरी है लसोढ़ा : व्‍यवसाय के साथ लेखन से डंका बजा रहे हैं वकालत-सेनानी : बातचीत रविशंकर पांडेय, चंद्रभूषण पांडेय और आईबी सिंह पर : कुमार सौवीर लखनऊ : […]

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तोड़ लसोढ़ा, गोंद निकाल। मूंछ बना ले तुर्रेदार

: मूंछ में ऐंठनदार अंदाज मर्दानगी का प्रमाण बना रहा : लाखों बरसों तक प्रकृति व मानव-जीवन ऋणी रहा गूलर, उसी की कृपा से हैं कुएं : लाखों बरस तक रसोई में सब्‍जी के बर्तनों में कमाल करता रहा गूलर का गुच्‍छा : मूंछ को मरोड़ कर बिच्‍छू की पूंछ की तरह आक्रामक और विषैला […]

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काशी के बैबूनों ने गढ़ा था लखनवी शैली में सुबह-ए-बनारस

: विद्या, धर्म और अध्‍यात्‍म के साथ ही साथ विश्‍वनाथ मंदिर, अन्‍नपूर्णा देवी और संकरी गलियों में पसरी संस्‍कृति व ऐतिहासिक सम्‍पदा वाली अंतहीन प्राचीनतम नगरी को समझने के लिए डूबना पड़ेगा गंगा जी में : नंगा अवधूत- दो कुमार सौवीर लखनऊ : (नंगा अवधूत-दो से आगे) तो, वास्‍तविकता तो यही है कि सुबह-ए-बनारस जैसा […]

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मथुरा छूट गया, पर गोपियों की तरह छटपटाता है यह “पंडा”

: याद आता है मंदिर, बंदर, घाट, गलियां, बेबाक भाषा, गालियां और बिंदास औरतें : जगदीश्‍वर चतुर्वेदी बेहाल है कोरोना के सन्नाटे के बीच मथुरा की खोज में : जगदीश्‍वर चतुर्वेदी कोलकाता : इन दिनों कोरोना के कारण मथुरा ध्वस्त पड़ा है। मंदिर, बाजार, प्रोहित सभी तबाह पड़े हैं।इस मथुरा की कल्पना कभी नहीं की […]

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हनुमान पर भाजपाई-सियारों का जोरदार हुक्‍का-हुआं

: हनुमान की जात खंगालो कि वे मुसलमान, जाट, दलित, सिख या लाल सलाम वाले वामपंथी कामरेडी कम्‍युनिस्‍ट : संकटमोचन-चरित्र पर अब गजब गबड़चौथ संकट : बजरंग बली पशु यानी जानवर जाति के पक्‍के बंदर। ओरिजनल जंगली : बजरंग-बाण जैसे श्‍लोक-मंत्र अब अस्तित्‍वहीन : कुमार सौवीर लखनऊ : ओ हो ! “बजरंग बली, तोड़ दे […]

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