असली श्रमिक दिवस तो मनाया लेबर कमिश्‍नर ने, दारू में कर्रा हंगामा

: बहराइच में दारू में बेहाल लेबर कमिश्नर का कर्रा अंट-शंट। जमकर हंगामा : जैसे प्रेमचंद के हल्कू की तैयार खेत में कोई मतवाली मोटी-ताजी भैंस प्रविष्‍ट : कार सड़क के किनारे लगा दो बड़ा पेग सोडा के साथ हींचा और भुने काजू को कूंचते-कूंचते, चुभलाते और पगुराया : जाना था ईरान, पहुंच गयीं तूरान, […]

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राम राम अयोध्‍या। हम चले। अब कभी न लौटेंगे

: लसोढ़ा तो धर्म अनुयाइयों को जोड़ता है, लेकिन धर्म-नगरी के पत्‍थरों पर नहीं : अयोध्‍या के महन्‍थों की एक बड़ी आमदनी है सूदखोरी : बहराइच के मीहींपुरवा के रहने वाले थे मुन्‍ना यानी मदन, सड़क पर भीड़ के बावजूद महन्‍थ ने बड़ी देर तक पीटा : रात में ही चुपचाप सपरिवार लापता हो गये […]

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पत्रकारों में नया शौक चर्राया, सरेआम पिटने का

: पिटने की परम्‍परा काफी पुरानी है, हेमंन्‍त तिवारी के पूर्वजों से भी और उनके वंशजों तक : जयपुर के पिंक-सिटी प्रेस-क्‍लब से पहले और बाद तक खबरें बिछी हैं जूतम-लात की : हरदोई में जमकर कूटे गये जी-टीवी के पत्रकार साहब, नशे में फायर कर रहे थे : कुमार सौवीर लखनऊ : देवी-देवताओं फूल […]

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सुब्रत राय का सिद्ध ब्रह्म-मन्त्र है:- इसकी टोपी, इसके सिर

: दो-कौड़ी की जमीनों को अनमोल बता रहा है सहारा इण्डिया : जिन पर दावा है, वह अधिकांश या तो कृषि-भूमि है या फिर लीज पर : खुद तो जेल में चक्की पीसते रहे, अब स्वर्णिम भविष्य की चटनी चटा रहे हैं सुब्रत राय : कुमार सौवीर नई दिल्ली : पब्लिक को फिर झांसा देने […]

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चाय तो दूर, मैंने तो प्‍यार भी किया। पर अब नहीं करूंगा

: साहब गये तेल लेने, मैंने तो चाय-पकौड़ी भी खूब बेची ट्रेन और स्‍टेशन पर : तौबा-तौबा। सब कर लूंगा, मोहब्‍बत का इजहार नहीं : आई लव यू कहने के पहले ही जुबान को मानो काठ मार जाता है : कुमार सौवीर लखनऊ : अब यार यह तो बहुत बदतमीज़ी है। अफवाह फैलाई जा रही […]

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अफसरशाही: आकाओं को तैल-मर्दन, अधीनस्थों से चरण-चुम्बन

: अपनी ही कनिष्ठतम सहयोगी की बेइज्जती, खामोश रही ब्यूरोक्रेसी : करने लगा है पूरा प्रशासनिक ढांचा त्राहि-माम त्राहि-माम : लो देख लो, बड़े बाबुओं की करतूतें- चार : कुमार सौवीर लखनऊ : कोई सात-आठ साल पहले की ही तो बात है। मुख्यमंत्री थीं मायावती। एक दिन वे प्रशासनिक और राजकाज का जायजा लेने के […]

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गरीबों के घर बेटी मल्लिका नहीं, मलूकन पैदा होती है

: मलिका यानी नेपाल की तराई वाले बहराइच के नानपारा की नेता मलूकन : 15 साल तक नगर पंचायत में हुकूमत की है मलूकन-बी ने : लम्बे  समय तक पूरे इलाके में रानी लक्ष्मी बाई के तौर मिली शोहरत : फाकाकशी करता परिवार, तीन शादी और वक्त  के थप्पड़ खूब खाये : लाचार और बीमार […]

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अब दहला बहराइच, युवती से सामूहिक बलात्‍कार

 

जिले में एक पखवाड़े के भीतर हुईं बलात्‍कार की दो वारदातें

दिनदहाड़ हुए गैंगरेप से दहला फखरपुर कस्‍बा

स्‍टूडियो में फोटो लेने गयी किशोरी के साथ दुष्‍कर्म

पयागपुर की वारदात को भी मरोड़ने पर तुली पुलिस

अभियुक्‍त फरार, किशोरी को मेडिकल जांच को भेजा

सपा नेता पहुंचे सीतापुर, पीडि़तों को मलहम लगाया

बहराइच: बलात्‍कार और बदहाल कानून-व्‍यवस्‍था को लेकर बसपा सरकार राजनीतिक तौर पर फिलहाल जबर्दस्‍त भूचाल से घिरी हुई है।

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धंधा बन चुकी पत्रकारिता में आखिर कैसे टिकें महिलाएं

जिलों की पत्रकारिता में महिलाओं का टोटा
गलाकाट धंधेबाजी ने महिलाओं को कोने में धकेला
नेपाल की पत्रकार के सवाल ने उजागर की हकीकत

एक कार्यक्रम में भारत-नेपाल के पत्रकारों को बुलाया गया था। उस कार्यक्रम में हम भी संयोगवश बिन बुलाये शामिल हो गये थे। इसी कार्यक्रम में नेपाल की एक प्रतिष्ठित पत्रकार और सौभाग्य से हमारी अच्छी मित्र श्रृजना आचार्य ने सभा में एक सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बहराइच से कोई महिला पत्रकार क्यों नही दिखाई पड़ रही है। श्रृंजना ने आगे भी महिलाओं के उत्थान और उनके शोषण के बारे में कहा। परन्तु हमारा ध्यान उनकी इसी बात पर उलझकर रह गया। हमने सोचा या तो उन्हें भारत की पत्रकारिता में बहराइच का स्थान मालूम नही हैं, या नेपाल की पत्रकारिता में महिलाओं को कोई विशेष आरक्षण प्राप्त है।

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