हे राम ! यह चीत्कार नहीं, चेतावनी थी

: हमारे पास 80 बरस का निष्पाप कर्मयोगी गांधी भी है, और उसे मार डालने पर आमादा 40 बरस का एक विक्षिप्त गोडसे भी है : पड़ोसी से भी नफरत तो बच्चे अब होमवर्क की तरह सीखते-करते हैं : कुमार सौवीर लखनऊ : नफरत का उत्पादन हमेशा विनाश ही लाता है।अशोक हों, खिलजी हों, जिन्ना […]

आगे पढ़ें

अनुमान लगाइये कि रामराज में शम्बूक के साथ क्या हुआ होगा

: सतनारायन-कथा और शबरी-गाथा के फर्क समझिये : यानी रामराज तब होगा, जब हम पढ़ें और शूद्र न पढ़ें ? : गाली है हरामी शब्‍द, पर अत्‍याचार के समूल-नाश का आह्वान भी तो है : एक स्‍कूल ऑफ थॉट है शम्‍बूक, द्विजों के आश्रमवादियों ने मार डाला : अपने आसपास वाल्टेयरों को खोजिए, वरना पादरी-वाद […]

आगे पढ़ें

कोरोना कर्फ्यू: पिछवाड़ा सेफ चाहिए ? लो ये दोलत्ती-चड्ढी

: सूनी रोड पर पुलिसवाले करते हैं रक्तिम-पीटीओ की रस्म : वानरी-उछलकूद का जिम्मा जातक का, पुलिसवाले कोहबर में साली-सलहजों की तरह : कुमार सौवीर लखनऊ : “सावधानी हटी, दुर्घटना घटी”। यह तो समाज के विभिन्न क्षेत्र ही नहीं, बल्कि खासकर यातायात के संदर्भ में एक सर्वमान्य मंत्र है। कहने की जरूरत नहीं है, कि […]

आगे पढ़ें