काशी के बैबूनों ने गढ़ा था लखनवी शैली में सुबह-ए-बनारस

: विद्या, धर्म और अध्‍यात्‍म के साथ ही साथ विश्‍वनाथ मंदिर, अन्‍नपूर्णा देवी और संकरी गलियों में पसरी संस्‍कृति व ऐतिहासिक सम्‍पदा वाली अंतहीन प्राचीनतम नगरी को समझने के लिए डूबना पड़ेगा गंगा जी में : नंगा अवधूत- दो कुमार सौवीर लखनऊ : (नंगा अवधूत-दो से आगे) तो, वास्‍तविकता तो यही है कि सुबह-ए-बनारस जैसा […]

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कहानी, दोलत्‍ती के साथ अघोरी की

: काशी के श्‍मशानों तक के सारे के सारे भूत-जिन्‍नात ही भाग गये : अब तो दोलत्‍ती डॉट कॉम भी आपके साथ है। नये तेवर के साथ : कुमार सौवीर लखनऊ : मैं तो एक खुली और दिलचस्प किताब की तरह हूं। कोई भी चाहे, जहां से चाहे, पन्ना खोलकर कुछ भी पढना शुरू कर […]

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कफन पर भी छीनाझपटी, अघोर-समुदाय पर हमला

: लगातार सिमटता जा रहा है अघोरपंथ, कहीं लूट तो कहीं अवैध कब्‍जे : प्रचीनकाल से ही श्‍मशान-घाट रही है अघोरियों की साधना-भूमि, मौका मिलते ही वैष्‍णवों हड़प लिया : अघोरपंथी भगवान राम अवधूत ने समाज-कल्‍याण के लिए सर्वेश्‍वरी समूहों का निर्माण किया था : कुमार सौवीर बनारस : अघोरी, यानी ऐसा शख्‍स जिसके पास […]

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हम भूखे ही रहे, अघोरी ने पूरी भोजन-सामग्री भिखारी को सौंप दी

: अघोर-धर्म श्रेष्‍ठतम है, अगर आप समझना चाहें तो : मैं और चाहे कुछ बन पाता या नहीं, लेकिन अघोरी तो हर्गिज नहीं बन पाता : आज भी जिन्‍दा है काल बाबा, हमेशा भी जिन्‍दा रहेगा : धन्‍य हैं पीसीएस-लोग, जहां अभी भी जिन्‍दा है अद्भुत दर्शन : कुमार सौवीर जौनपुर : यह बारह साल […]

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अघोरी, संत और विक्रेता: एक तुलनात्‍मक अध्‍ययन

: काल बाबा खुद भूखा रह कर भी किसी दूसरे भूखे को सब कुछ सौंप सकता है : गोयनका ने ज्ञान, शांति और प्रज्ञा की भिक्षा लेने-देने के सैकड़ों केंद्र स्‍थापित कर दिये : रविशंकर तो मानसिक ज्ञान की धारा, बरास्‍ते शारीरिक उमंगों की उथलपुथल में उमड़ाते हैं : तुलनात्‍मक अध्‍ययन:- एक : कुमार सौवीर […]

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