“आओ बकलोली पेलें” यानी ABP में हथनी पर प्राइम टाइम

: रूबिका लियाकत लगभग रोते हुए अंदाज में बहस कर रही : तुम लोगों का एक ही इलाज है और वह जनता है …हाथ में जूता : ट्रेन में भूख और प्यास से 80 से ज्यादा मजदूर मारे जाते हैं : पवन सिंह लखनऊ : एक बहस शुरू हुई। चौपाल के अंदाज में। एक तर्क […]

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एबीपी गिरा रे… हाय… बरेली के बाजार में…

: एक साजिश के तहत तैयार की है एबीपी न्‍यूज वालों ने यह खबर : बाजार अगर खुले हैं तो सवाल सरकार से पूछा, आम आदमी से क्‍यों : हरी शर्ट को इस तरह दिखाने का मकसद क्‍या है : मुशाहिद रफत बरेली : एबीपी न्यूज ने शनिवार को एक रिपोर्ट टेलीकास्ट की, जिसमें बरेली […]

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अमित शाह से इंटरव्‍यू: सुमित अवस्‍थी मिमियाते रहे, लखनऊ का पत्रकार ललकार रहा है

: जस्टिस लोया की मौत पर उठने वाले सवालों पर भी कुछ सुमित बोलते, तो पत्रकारिता जिन्‍दा हो जाती : अमित शाह के पुत्र का व्यापार किस गणित से इतनी अल्पावधि में इतनी ऊंचाईयों पर पहुंच गया? : दोलत्‍ती रिपोर्टर लखनऊ : लखनऊ के एक पत्रकार हैं संजय आजाद। भले ही किसी बड़े अजीमुश्‍शान चैनल […]

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पुण्‍यप्रसून बाजपेई का मामला सरकारी आतंक का प्रतीक है। एकजुट हो जाओ

: बॉडकॉस्‍टर्स गिल्‍ड के एनके सिंह की आशंका है कि अगर प्रसून पर एक्‍शन किया जाए, तो बात को बदल भी सकते हैं पुण्‍यप्रसून बाजपेई ने : गिल्‍ड के साथ अब तक कोई भी सम्‍पर्क नहीं किया है पुण्‍यप्रसून ने : मतलब तो यही है कि अपनी लड़ाई खुद ही लड़ेंगे पुण्‍यप्रसून, यानी मुद्दई सुस्‍त […]

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