ऑनलाइन सेक्‍स: खुद बन जाइये न गज-ग्राह संकट में श्रीहरि विष्‍णु

: बड़ा धंधा है सेक्‍स-क्लिप, एक ही झटके में लाखों पार : गुहार लगाने वाले अधिकांश लोग मेरे उन्‍मुक्‍त व्‍यवहार को हेय, गंदा, अश्‍लील, अभद्र मानते आंख बचा कर सटक लेते : बड़े-बड़े दिग्‍गज की सारी शराफत, सज्‍जनता और प्रतिष्‍ठा दक्खिन : बड़े अधिकारी, वकील, व्‍यवसायी नेता के लिए अलभ्‍य है सेक्‍स,  मुंह मारते हैं […]

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आपका नहीं, हताश का जीवन व्यर्थ हो जाएगा। उसे बचाइए

: एक सचेत प्रयास भी एक जीवन को जीवंत, या फिर उसकी ढिबरी बुता सकता है: आत्महत्या पर आमादा व्यक्ति को मैंने अपने पास बुला लिया: परिवार तंतुओं का उल्लंघन तो अवसाद का बड़ा कारण : कुमार सौवीर लखनऊ : फेसबुक ने स्वार्थी, मूर्ख, समझदार और भावुक के साथ ही ऐसे लोगों के साथ भी […]

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खानदानी वकील हैं शुचिता सिंह। इंसान भी जबर्दस्त

: हर रिश्ते को घोड़े-घास संबंध से नहीं तौला जा सकता: अरब का घोड़ा बन कर क्या हासिल होगा, इंसानों पर बात किया जाए न : मुझे बताया गया था कि काम में बेहद सतर्क-पेशेवर शुचिता हैं, कम ही वकील ऐसा कर सकते : कुमार सौवीर लखनऊ : दुनिया के सभी देशों में यह कहावत […]

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तमाशबीन ! जो खुद फंसने पर पिल्लों सा किकियाते हैं

: तमाम क्रांतिकारी पत्रकार बहुत मिलेंगे जो सिम्पल पत्रकार में देशद्रोही ढूंढ खुश हों : कुत्तों को खाना खिलाने जा रहे थे, फालिज हुआ,  लोहिया अस्पताल से आकर जमानत ली : सत्येंद्र पीएस नई दिल्ली : सिद्दीक कप्पन को जानते ही होंगे। न जानते हों तो गूगल और यू ट्यूब पर सर्च करें। उनके नाम पर […]

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दहलीज पर सदाशिव, स्वागत में काशी, महादेव भये गदगद

: वाराणसी साहित्य महोत्सव के लिए काशी पर आलेख : काशिरित्ते-काशिरित्ते। एक बार आओ, दिल में हमेशा के लिए बस जाओ : यैर्दृष्टा यैः श्रुता काशो यैः स्मृता कोर्तिता तथा। त एव वन्द्याः पूज्याश्च कृतार्था मुक्तिभागिनः विश्वनाथ गोकर्ण काशिरित्ते : निसंदेह काशी इस धरा की सबसे प्राचीन नगरी है। काशी और इसके देव बाबा श्री […]

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बड़ा पत्रकार ही दिखा सकता है बड़प्पन। जैसे विनोद कापड़ी

: रजत शर्मा के इंडिया टीवी में दूसरा स्थान पर थे कापड़ी। बाद में नौकरी-चाकरी छोड़ी, फ़िल्म बनाने लगे : जो लिखा, वह एक विशाल और खुले दिल-दिमाग वाले इंसान के बस की ही बात है : अजीमुश्शान शख्सियत का लोगों से तार्रुफ़ करने की कोशिश : कुमार सौवीर लखनऊ : मैं इस शख्स से […]

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सीमांत गांधी थे बादशाह खान। हम उनकी धूल भी नहीं

: खान अब्दुल गफ्फार खान, पाकिस्तान सरकार ने जेल में ठूंस दिया : शख्स एक, नाम बहुतेरे। लेकिन सब के सब मशहूर, प्रचलन में, प्रश्नों से परे : सब तो छिन गया मेरा। अब गठरी ही बची है : कुमार सौवीर लखनऊ : खान अब्दुल गफ्फार खान। इस शख्स ने खुद को खुदाई खिदमतगार के […]

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दर्जनों लुटेरे डॉक्टरों को जूता से हड़काया, सब भाग निकले

: रवीश कुमार, द वीक, द वायर समेत सभी जगह पर अब मैं छाया हुआ हूँ, अच्छा लग रहा है : कप्पन की जमानत पर सभी ने मुझे सिर-माथे पर बिठाया : पत्रकारिता साधना है, सतत अभ्यास जरूरी : शुक्रिया दोस्त ! पत्रकारिता ने देश-विदेश में मेरा डंका बजा दिया :

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एसपी बेशर्मी में संघी बना रहा, पत्रकार को जेल में ठूंस डाला

: आरएसएस की सशस्‍त्र-पूजन में जजमान थे मुरादाबाद के एसपी। पत्रकार पर ऐतराज था कि हाथरस में युवती की लाश केरोसिन से पुलिस द्वारा फूंकने की खबर क्‍यों लिखने गये : पत्रकार को पीएफआई छाप बताया, बावर्दी कप्‍तान को पुलिस लाइन परिसर में संघी बनने पर तालियां बजायीं : आरएसएस के एनजीओ पर केरल में […]

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हे राम ! यह चीत्कार नहीं, चेतावनी थी

: हमारे पास 80 बरस का निष्पाप कर्मयोगी गांधी भी है, और उसे मार डालने पर आमादा 40 बरस का एक विक्षिप्त गोडसे भी है : पड़ोसी से भी नफरत तो बच्चे अब होमवर्क की तरह सीखते-करते हैं : कुमार सौवीर लखनऊ : नफरत का उत्पादन हमेशा विनाश ही लाता है।अशोक हों, खिलजी हों, जिन्ना […]

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कप्‍पन को नहीं जानते ? तो आप पत्रकार नहीं, विशुद्ध दलाल हैं

: हाथरस में योगी-पुलिस ने केरोसिन डाल कर फूंका था दुराचार पीडि़त युवती को : पुलिस-कुकर्म का स्‍याह-सफेद परखने गया था कप्‍पन : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ढाई बरस से लखनऊ की जेल में सड़ रहा है सिद्दीक कप्‍पन : दोलत्‍ती वाले कुमार सौवीर और रूपरेखा वर्मा ने भरा है जमानत बॉंड : […]

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इमारत ढहने में मौतों को क्यों छुपाते रहे डीजीपी चौहान

: योगी से भी छुपाया, इनकार करते ही रहे: राजनाथ सिंह के कान में चुपके से असलियत फंक डाली डीएम गंगवार ने : कनफुन्सी और चालाकी ने भी सत्ता-नौकरशाही की नाक कटवा दिया, एलडीए शातिर चूहे से निकल भागा : कुमार सौवीर लखनऊ : यह हैं यूपी के डीजीपी। पूरा नाम है देवेंद्र सिंह चौहान।आप […]

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सिर्फ पांच फीसदी मुसलमान ही जानते हैं इस्लाम का मतलब

: श्रमजीवी ट्रेन हादसे में घायलों को बचाने में गुरैनी के छात्रों की भूमिका बेमिसाल : यह तो देखिये कि रंग पड़ा या डाला गया : खुशी को खुशी और गम को गम की तरह मनाइये : गैर-इस्‍लामी है ईदगाह में शादीघर, गुरैनी मदरसा के नायब नाजिम मौलाना अबू बकर से बातचीत : सरकारी लापरवाही […]

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बेरोजगारी का दंश या दलाल बनना हो तो पत्रकार बनो

: पत्रकारिता अकेली नौकरी है जिसमें कॉरपोरेट की सारी बुराइयां हैं, अच्छाई एक नहीं : हर साल लाखों युवाओं को डँस रहे हैं पत्रकार स्कूल : यूट्यूब चैनल भी कब तक : संजय कुमार सिंह नई दिल्ली : मेरा मानना है कि पत्रकारिता की पढ़ाई / डिग्री का महत्व बेरोजगार पत्रकारों को नौकरी दिलाने के […]

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अयोध्‍या की पत्रकारिता में चरस बो रहा है सूचना उपनिदेशक

: सरकारी कारिंदा तय करेगा अयोध्या से कौन होगा जनसत्ता का पत्रकार : इच्छा शक्ति, मखदूम मेल, उदेतित सविता, नैतिक विकास, जिज्ञासु कुंज, ग्राम वार्ता, सूर्योदय भारत, अमरेश दर्पण, कौमी हालात, गुजराती न्यूज़ सर्विस, कौमी फलाह, वारिस ए अवध जैसे नाम पर मान्‍यता करायी मुरलीधर सिंह ने : ओमप्रकाश सिंह अयोध्या : अखबारों में संपादकों […]

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