सावन शुरू: शिव, कजरी और मैं नंगा अवधूत

: कड़कती बिजली आनंदोत्‍वस में जुटी : भीगने का आनंद उठाना लोग भूल चुके : पु‍ल और सड़क सन्‍नाटे में हैं : बारिश ने तबाह गोमती नदी को नया यौवन दे दिया : नदी, मोहब्‍बत और विचारधारा एक सी, रोक दोगे तो मर जाएगी : कुमार सौवीर लखनऊ : कई दिनों बाद सायकिल की याद […]

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बरसी झमाझम इंसानियत, और मैं नंगा-अवधूत

: आप ठहाके लगाते रहियेगा योगी देवनाथ जी। मैं बस पहुंच रहा हूं : मैं ही अनावृत्‍त औघड़, साक्षात नंगा अवधूत। मुझ में जो कुछ भी है, वह सब का सब नंगा : प्राणदायिनी गोमती-जल से ही आसपास के निवासी दाल चुरवाते हैं : जौनपुर एक बेमिसाल और अजीमुश्‍शान शहर है : कुमार सौवीर लखनऊ […]

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ऑनलाइन सेक्‍स: खुद बन जाइये न गज-ग्राह संकट में श्रीहरि विष्‍णु

: बड़ा धंधा है सेक्‍स-क्लिप, एक ही झटके में लाखों पार : गुहार लगाने वाले अधिकांश लोग मेरे उन्‍मुक्‍त व्‍यवहार को हेय, गंदा, अश्‍लील, अभद्र मानते आंख बचा कर सटक लेते : बड़े-बड़े दिग्‍गज की सारी शराफत, सज्‍जनता और प्रतिष्‍ठा दक्खिन : बड़े अधिकारी, वकील, व्‍यवसायी नेता के लिए अलभ्‍य है सेक्‍स,  मुंह मारते हैं […]

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बहुत खो कर कमाया है मैंने यह एटीट्यूड। इसे खोना नहीं चाहता

: आप अपना काम सम्‍भाले रहें, मैं अपने एटीट्यूड में मस्‍त हूं : 3-इडियट्स फिल्‍म देखिये, मुझे नंगा अघोरी-अवधूत मानते हैं : शेषनारायण सिंह ने मुझे कबीर, किसी ने फक्‍कड़-कबीर तो किसी ने केरारबीर का समकक्ष माना : थ्री-इडियट्स में देखें कि कुमार सौवीर में ऐसे एटीच्‍यूट का मतलब क्‍या है : लोग मुझे नापसंद […]

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सोशल-मीडिया में मंडराती ब्‍लैकमेलर “विष-कन्‍याएं”

: तुम जिस स्‍कूल के छात्र हो, उसका कुलाधिपति रह चुका है कुमार सौवीर : दिलफेंक आशिक का दिल तोड़ डाला “फेसबुकिया कन्‍या” ने : नंगे अवधूत से उगाही करोगे, तो मिलेगा सिर्फ बाबा जी का घंटा : ऐसी घटनाओं पर सहज ही रहिये, महिलाएं सतर्क रहें : कुमार सौवीर लखनऊ : सुदर्शन जी की […]

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काशी के बैबूनों ने गढ़ा था लखनवी शैली में सुबह-ए-बनारस

: विद्या, धर्म और अध्‍यात्‍म के साथ ही साथ विश्‍वनाथ मंदिर, अन्‍नपूर्णा देवी और संकरी गलियों में पसरी संस्‍कृति व ऐतिहासिक सम्‍पदा वाली अंतहीन प्राचीनतम नगरी को समझने के लिए डूबना पड़ेगा गंगा जी में : नंगा अवधूत- दो कुमार सौवीर लखनऊ : (नंगा अवधूत-दो से आगे) तो, वास्‍तविकता तो यही है कि सुबह-ए-बनारस जैसा […]

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सुबह-ए-बनारस? बाबा जी का घण्‍टा

: सुबह-ए-बनारस से नहीं, काशी की पहचान सर्वविद्या की राजधानी, विश्‍वनाथ मंदिर, संकरी गलियों व घाटों से विख्‍यात है : गाइड की बकलोली में देशी-विदेशी चूतिया जजमान जेब खोलते हैं : नंगा अवधूत- दो: कुमार सौवीर बनारस : (नंगा अवधूत-एक से आगे) विदेशी पर्यटकों का प्रिय स्‍थल है वाराणसी। हालांकि उनमें से ज्‍यादातर तो सारनाथ […]

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का हाल बा बुजरौ के, कइसन हव्‍वा रजा बनारस ?

: पादने के लिए दायें-बायें अर्द्ध-गोला को हल्‍का उचकाना खांटी बनारसी स्‍टाइल है : चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन मां, बहन या बेटी की गाली बनारस में वर्जित है : नंगा अवधूत-एक : कुमार सौवीर वाराणसी : बनारसी में सांड़ को लखनऊ का चिकन माना जाता है। जी हां, बनारस का रस ही कुछ […]

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शेषनारायण सिंह की टिप्‍पणी मेरे लिए भारत-रत्‍न से कम नहीं

: इससे क्‍या फर्क पड़ता है कि कई लोग मुझे नापसंद करते हैं, मुझे तो इस बात की तसल्‍ली है कि मैं सच बोलता-लिखता हूं : करीब पंद्रह बरस पहले भी मुझे फक्‍कड़ कबीर कहा गया था : आज भी उन लोगों की तादात बेहिसाब है जो मुझे नंगा अघोरी और अवधूत कहते हैं : […]

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अब यह बताओ, कि बेशर्म कौन। मैं या तुम?

: तनिक सोचो तो कि भिक्षा क्‍यों चाहता है कोई हठयोगी योद्धा : ईश्वर न करे कभी आपका बुरा दौर आये : बुरे समय में अपने किनारा कस लेते हैं : पत्रकारिता में नंगा अवधूत- तीन : कुमार सौवीर लखनऊ : सामान्‍य तौर पर यही ताना मारा जाता है कि भाई , अपने स्वार्थ बस […]

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पत्रकार और सांप जहरीले, एकसाथ मिले तो पहले पत्रकार को मारो

: पत्रकारों के प्रति आम आदमी की इस तरह की लोकोक्तियों में सत्‍यता बहुत कम है, जबकि गुस्‍सा बेहिसाब : सवाल यह है कि हम इतना चिंतित क्‍यों हैं। बोया पेड़ बबूल का, तो आम कहां से आय : आओ, मेरी चड्ढी टटोल कर मुझे नंगा करो : पत्रकारिता में नंगा अवधूत- दो : कुमार […]

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मुझे पुचकारो। टॉमी से कटहा हो गया पत्रकारिता में मेरा नाम

: तब मालिक-सम्‍पादक दुलराते थे कि “टॉर्जन कम माई ब्‍वॉय”, अब बोलते हैं “दुत्‍त, मार तो इस भोंस…वाले भुर्रवा की तो…” : दुनिया को पहचानना चाहते हो तो बेरोजगार होकर भी पत्रकारिता करो। दलाली नहीं, भिक्षा मांगो : लखनऊ और दिल्‍ली के पत्रकार तो बड़े खिलाड़ी : पत्रकारिता में नंगा अवधूत- एक : कुमार सौवीर […]

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सुब्रत राय: जब पुलिसवाले ने रंगकर्मी के सीने पर बन्दूक लगा दी

: सहारा इंडिया के खिलाफ जेहाद में हथियार बना नुक्कड़ नाटक : ढोल-मंजीरा, गीत, नुक्कड़ नाटक और शहर भर में तहलका : धीरे-धीरे बड़े पत्रकारों ने भी हमारा दामन मजबूत किया : नंगे अवधूत की डायरी पर दर्ज हैं सुनहरे चार बरस- आठ : कुमार सौवीर लखनऊ: हां, तो अगले दिन से हम लोगों ने […]

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काठमाण्‍डू में शिव से वार्तालाप: शिव से शिव मिले, विष अमृत हो गया

: अरे यह पिछले महीने की फोटो है, जब मैं काठमाण्‍डू गया था : पशुपतिनाथ मंदिर के बाहर ही भेंट हो गयी महादेव की शिव-शंकर की : शिव  ने महादेव को जी-भर दुआएं दीं, और भोलेनाथ ने भी आशीष लुटाने में कोई भी कंजूसी नहीं की: कुमार सौवीर काठमाण्‍डू : कुछ बरस पहले नेपाल में […]

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महा-शिवरात्रि पर विशेष: शिव को अघोरी की नजर से निहारो, शिवोहम हो जाओगे

: केवल लिंग और योनि के सम्‍मेलन से कैसे महसूस किया जा सकता है शिवत्‍व को : शिव को समझने के लिए अर्द्धनारीश्‍वर को समझना जरूरी, सत्य की सुन्‍दरता इसी में सन्निहित है : श्‍मशान आपको बताएगा कि क्‍यों किसी का जाना उल्‍लास का प्रतीक है : कुमार सौवीर लखनऊ : आज शिवरात्रि है। शिव […]

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